भोपाल,02/01/2025 (दयाराम कुशवाहा भोपाल,) 2 जनवरी को लेकर शिकायतें सामने आई और इन शिकायतों को जिस तरह से दबाया गया या छिपाया जा रहा है कि सूत्रों की माने तो जानकार है उनका स्पष्ट कहना है कि जो भी मामले सामने आ रहे है, उसमें डीएफओ की भूमिका पर भी प्रश्न चिन्ह लगता है, ऐसे में सीसीएफ को वन मुख्यालय से जांच दल भेजने के लिए पत्र भेजना चाहिए? जब तक वन मुख्यालय भोपाल से जांच नहीं होगी, तब तक दूध का दूध और पानी का पानी नहीं हो सकता? सूत्रों की माने तो इन मामलों में विस्तृत जांच होनी चाहिए और सच्चाई सामने आनी चाहिए! महज आर्थिक अनियमितता का ही पश्चिम वन मंडल में मसला नहीं है? बल्कि अधिकारी ही हठधर्मिता भी इस बात से सामने आती है कि सीसीएफ जैसे वरिष्ठ अधिकारी द्वारा जिन कम्प्यूटर ऑपरेटरों को संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर हटाने के लिए निर्देशित किया गया था, उन्हें हटाना तो दूर उनकी शाखाएं तक नहीं बदली गई !
1- पश्चिम वन मंडल बैतूल में तेंदूपत्ता समितियों को राशि से ऊर्जा सिस्टम जो खरीदा गया था उसमें शासन के नियम निर्देशा और प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ? 2- बिना टेंडर प्रक्रिया के ही पश्चिम वन मंडल में फेसिंग के लिए बारवेट वायर, पोल, फेसिंग नाली, चैन लिंक आदि लाखों रूपए की खरीदी की गई और भुगतान किया गया?
3- गवासेन और मोहदा रेंज में बिल्डिंग मेंटनेंस किए जाने के नाम पर करीब डेढ़ करोड़ रूपए का भुगतान संदिग्ध बताया जा रहा है। मेंटनेंस किए बगैर ही यह भुगतान निकाला गया?
4- तावड़ी रेंज की हर्रा सर्किल में लाखों रूपए की बांस बल्लियां रखी हुई है, जिनका उपयोग ही नहीं किया गया? अब उपयोग क्यों नहीं किया गया और क्यों खरीदी गई जांच का विषय है?
5- चौकीदारों की वर्दी खरीदी में नियम का पालन नहीं किया गया। वहीं चौकीदारों को जो मानदेय का भुगतान किया जाता है, उसमें भी फर्जीवाड़े के आरोप है?
6 – विभिन्न कृप में सुरक्षा श्रमिक के नाम पर जो भुगतान किया जा रहा है, उसको लेकर आरोप है कि फर्जी व्हाउचर बनाकर यह सब भुगतान किया जा रहा है?
7- पश्विम वन मंडल में विभिन्न रेंज में जो साईन बोर्ड लगाए गए इसको लेकर भी आरोप है कि इसमें भी बाजार मूल्य से अधिक में भुगतान किया गया है?
8 – मोहदा रेंज में फेसिंग के लिए खरीदी गई बांस, बल्लियां जांच का विषय है, क्योंकि डिप्टी रेंजर का कहना है कि उसे नहीं पता कहां से आई?